?? ??? ?????, ?? ????? ?? ???? ??? ?????
|
दिलदारनगर (गाजीपुर : जो खुद हो बदहाल, वह दूसरों का कैसे रखे ख्याल। यह बात कुछ अटपटी लगे लेकिन हकीकत है। नगसर रेलवे स्टेशन के समीप विगत दस वर्षो से खपरैल के मकान में किराये पर संचालित हो रहे पशु सेवा केन्द्र को देख सहज अंदाजा लगाया सकता है कि विभाग पशुपालकों के प्रति कितना फिक्रमंद है।
शासन द्वारा पशुओं के देखभाल व टीकाकरण के नाम पर लम्बे-चौड़े वादे किये जाते हैं लेकिन सुविधाओं का ख्याल नहीं रखा जाता है। मजबूरन पशुपालक झोलाछाप चिकित्सकों की सेवा लेने को बाध्य हो रहे हैं। पशु सेवा केन्द्र पर अवती, नगसर, सरहुला, गोहदा, विशुनपुरा, असांव आदि अगल-बगल के गांवों के पशुपालक पशुओं के इलाज के लिए यहां आते हैं लेकिन सुविधा न होने के कारण उन्हें झोलाछाप चिकित्सकों का सहारा लेना पड़ता है।
पशुपालक मुख्तार राजभर, उमेश सिंह, भोला यादव, नन्दू राजभर, बालेश्वर यादव आदि ने बताया कि पशु सेवा केन्द्र किराए के खपरैल के मकान में संचालित होने के कारण पशुओं के दवा व अन्य सुविधा नहीं मिल पा रहा हैं। ऐसे में मजबूरन प्राइवेट डाक्टरों का सलाह लेना पड़ रहा है। वहीं पशु सेवा केन्द्र के पशु चिकित्सक डा. शशिभूषण ने बताया कि भवन की जर्जरता के संबंध में कई बार विभागीय अधिकारियों को पत्रक के माध्यम से अवगत कराया लेकिन आश्वासन के सिवाय कुछ हासिल नहीं हुआ। सबसे अधिक परेशानी बरसात के दिनों में होती है। खपरैल का मकान होने के चलते बरसात में छतों से पानी टकपता है, वहीं अंदर जगह कम होने से उपकरण भी रखा जा सकता। ऐसे में हम चाह कर भी कुछ कर नहीं पाते। उधर, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. रवीन्द्र प्रसाद ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष में जर्जर पशु भवन को बनवाया जायेगा। विभागीय उच्चाधिकारियों को पत्र प्रेषित किया जा चुका है।
Categories: None
Post a Comment
Oops!
The words you entered did not match the given text. Please try again.
Oops!
Oops, you forgot something.